रविवार, 1 जून 2008

लिख देंगे।

हास्य-गजल-
रोज-रोज के झगड़ों पर अब हम किताब लिख देंगे
तेरे हर इक लव लैटर का हम जवाब लिख देंगे
तेरी मम्मी को नुस्खे में हम जुलाब लिख देंगे
तेरे डैडी को हड्डी में हम कबाब लिख देंगे
मेकअप करके मिलीं अगर खानाखराब लिख देंगे
जिस दिन तुमने जेब न काटी इंकलाब लिख देंगे
हब्शी-से तेरे होंठों को लाजवाब लिख देंगे
जब भी याद करोगे हम हाजिर जनाब लिख देंगे
सिकुड़े से सींकिया बदन पर हम शवाब लिख देंगे
निचुड़े गालों पर उंगली से हम गुलाब लिख देंगे
तेरे तन की चुस्त पैंट को हम जुराब लिख देंगे
तेरे स्लीवलैस ब्लाउज को हम शराब लिख देंगे
मावस जैसे इस मुखड़े को माहताब लिख देंगे
नीरवजी अनपढ़ धन्नो को मैमसाब लिख देंगे।
पं. सुरेश नीरव
मो.-९८१०२४३९६६

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