मंगलवार, 15 अप्रैल 2008

भाई मयंक श्रीवास्तव

भाई मयंक श्रीवास्तव
जिस देश की पीढ़ी अपने शहीदों को भूल जाती है, उस देश की आजादी बहुत दिनों तक बरकरार नहीं रह पाती है। आपने बैसाखी के जरिए शहीद ऊधम सिंह का पुण्य स्मरण कराया, उसके लिए हम सभी भड़ासी आपके हृदय से कृतज्ञ हैं। जिन्होंने अपनी जान की बाजी लगाकर हमें आजादी दिलाई है,उनका स्मरण न करने से बड़ा जघन्य अपराध और कुछ हो ही नहीं सकता। मैं इस संदर्भ में निवेदन करना चाहूंगा कि मैं स्वयं शहीदों के लिए अपनी क्षमताभर कुछ-न-कुछ करता रहता हूं। काकोरी के शहीद पं. राम प्रसाद बिसमिल पर मैंने सरफरोशी की तमन्ना टेली फिल्म बनाई है और राष्टीय प्रसारण के लिए १८५७ के अमर शहीदों पर २५ रूपक लिख चुका हूं।आजकल पं. राम प्रसाद बिसमिल फाउंडेशन का अध्यक्ष हूं। आप मेरे आत्मीय अभिवादन स्वीकारें।
पं. सुरेश नीरव
९८१०२४३९६६

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