मंगलवार, 13 मई 2008

खीसे में जिसके नामा है

खीसे में जिसके नामा है
आज वही बनता गामा है
हुनरमंद इस नये दौर में
फटा हुआ पाजामा है
खेल सियासत का देखो तो
कर्सी-कुर्सी हंगामा है
जाति धरम है असली चेहरा
देशभक्ति हंगामा है
देख के संसद बच्चा बोला
कितना वंडरफुल ड्रामा है
पावरफुल तो है बस चमचा
नेताजी बस खानसामा है
बुजदिल अशिक मेहबूबा के
बच्चों का बनता मामा है
मत पीना ऑफिस में पऊआ
बॉस का ये हुक्मनामा है
मत गिरना नीरवजी पीकर
गिरतों को किसने थामा है?
पं. सुरेश नीरव
मों.९८१०२४३९६६

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