शुक्रवार, 30 मई 2008

हम भी फ्लाप तुम भी फ्लाप

हास्य-गजल
हम भी फ्लाप तुम भी फ्लाप
तिकड़म में पर दोनों टॉप
मिलकर खेलें कविता-कविता
मैं बच्चन तो दिनकर आप
उसे बना देंगे आलोचक
जो हो जनम से झोलाछाप
अपनों को काटेंगे झट से
आस्तीन के हम हैं सांप
मक्खनबाजी के मंत्रों का
सुबह-शाम करते हैं जाप
माल पचा लेना औरों का
नहीं मानते बिल्कुल पाप
हुनर हमारा सिर्फ झटकना
सम्मानों के लॉलीपॉप
हम भी फ्लाप तुम भी फ्लाप
तिकड़म में पर दोनों टॉप।
पं. सुरेश नीरव
मो.-९८१०२४३९६६

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